वैभव सूर्यवंशी एक युवा और प्रतिभाशाली भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाई हैं। उनका सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने हर चुनौती का सामना करते हुए सफलता हासिल की।
वैभव सूर्यवंशी, बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर गांव से ताल्लुक रखने वाले एक होनहार युवा क्रिकेटर हैं। उन्होंने मात्र 13 वर्ष की उम्र में क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं। उनकी सफलता की कहानी प्रेरणादायक है, जो यह दर्शाती है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से कोई भी ऊंचाइयों को छू सकता हैं।

बचपन और क्रिकेट के प्रति प्रेम
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। उनके पिता, संजीव सूर्यवंशी, एक किसान हैं, जिन्होंने अपने बेटे के क्रिकेट के प्रति जुनून को पहचानते हुए उसे प्रोत्साहित किया। वैभव ने 5 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और प्रारंभ से ही लेदर बॉल से अभ्यास करते थे। उनके पिता ने उन्हें घर पर ही दो वर्षों तक प्रशिक्षण दिया, जिससे उनकी तकनीकी क्षमताएं मजबूत हुईं। वैभव ने छोटी उम्र में ही तय कर लिया था कि वह एक दिन भारत के लिए क्रिकेट खेलेंगे।
प्रशिक्षण और संघर्ष
वैभव सूर्यवंशी ने अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत शुरू कर दी। 7 साल की उम्र में वैभव को समस्तीपुर की एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलाया गया, जहां उन्होंने तीन वर्षों तक प्रशिक्षण लिया। इसके बाद, उन्हें पटना के संपतचक स्थित जेन एक्स क्रिकेट अकादमी में भेजा गया, जहां उन्होंने अपनी बल्लेबाजी कौशल को और निखारा। 10 साल की उम्र में ही वैभव ने सीनियर स्तर के मैचों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था।
स्थानीय मैचों में प्रदर्शन
वैभव सूर्यवंशी ने अपने शहर और जिले के स्थानीय मैचों में शानदार प्रदर्शन करना शुरू किया। उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी ने सबका ध्यान खींचा। वैभव ने विभिन्न स्तरों के मैचों में शानदार प्रदर्शन किया। एक वर्ष में उन्होंने 49 शतक और 3 दोहरे शतक बनाए। हेमन ट्रॉफी के लीग और सुपर लीग में उन्होंने 670 रन बनाए, जिसमें तीन शतक और तीन अर्धशतक शामिल थे।
अक्टूबर 2023 में वीनू मांकड़ टूर्नामेंट के अंडर-19 में उनका चयन हुआ, जहां उन्होंने 393 रन बनाए, जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल थे। यहाँ उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया और कोचों व सीनियर खिलाड़ियों की नजर में आए। उनकी क्षमता को देखते हुए उन्हें रणजी ट्रॉफी (देश का प्रमुख प्रथम-श्रेणी टूर्नामेंट) के लिए चुना गया।

रणजी ट्रॉफी में शानदार शुरुआत
5 जनवरी 2024 को, वैभव ने 12 साल और 284 दिनों की उम्र में बिहार की ओर से रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया, जिससे वे भारत के चौथे सबसे कम उम्र के प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बन गए। इस डेब्यू ने उन्हें क्रिकेट जगत में विशेष पहचान दिलाई और उनकी प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
उन्होंने कई मैचों में शतक बनाए और महत्वपूर्ण विकेट लिए। उनका यह प्रदर्शन इतना शानदार रहा कि उन्हें आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) की नीलामी में चुना गया।
आईपीएल में सफलता
नवंबर 2024 में, वैभव ने आईपीएल 2025 की नीलामी में इतिहास रच दिया। राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा, जिससे वे आईपीएल में सबसे कम उम्र में चयनित होने वाले खिलाड़ी बन गए। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई।
भारतीय टीम के लिए चयन
वैभव सूर्यवंशी के लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के लिए चुना गया। उन्होंने अपने पहले ही अंतरराष्ट्रीय मैच में अच्छा प्रदर्शन किया और देश के लिए जीत का जश्न मनाया। आज वह भारतीय टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
सफलता के मंत्र
वैभव सूर्यवंशी की सफलता का रहस्य उनकी मेहनत, अनुशासन और सीखने की ललक हैं। वह हमेशा कहते हैं, “मुश्किलें आएँगी, लेकिन अगर आप अपने सपने पर भरोसा रखेंगे और कड़ी मेहनत करेंगे, तो सफलता जरूर मिलेगी।”
वैभव सूर्यवंशी की कहानी हमें सिखाती हैं कि सपने देखना और उन्हें पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करना कितना जरूरी हैं। उनका सफर हर उस युवा के लिए प्रेरणा हैं, जो क्रिकेट या किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहता हैं। वैभव ने साबित किया है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।
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